Tuesday 4 October 2016

Saas Bahu Jodi

मैं और मेरे पति हर नज़रिये से एक सामान्य दम्पति  है पर सत्य कुछ और ही है !!. अगर आप हमें देखेंगे तो आपको शायद यकीन नहीं होगा की मैं नेहा वास्तव मैं एक लड़का हु, और मेरे पति राजेश वास्तव मैं एक स्त्री है. शादी के बाद हम दोनों को महसूस हुआ की हम गलत लिंग मैं कैद है. आपसी सहमति से हमने अपोजिट जेंडर का रूप ले लिया. मैंने अपना नाम नवीन से बदलकर नेहा रख लिया और राजेश्वरी राजेश बन गए . नए रूप मैं हम दोनों सहज हो गए और एक सुखी जीवन जीने लगे. मैं पूरी तरह से पत्नी बन गयी और  राजेश पति के रूप मैं सहज हो गए . मैंने अपना मार्केटिंग का काम छोड़ घर संभालना अपना कर्त्तव्य समझा और हाउसवाइफ  बन गयी और राजेश ने पुलिस मैं नौकरी ले ली. राजेश के  मरदाना व्यवहार के कारन किसीको शक नहीं हुआ । पूरा समाज हमें एक सामान्य पति पत्नी समझने लगा.  
स्त्री बनकर मैं बहुत खुश थी 

हमारे बदलाव के 6 महीने बाद सब अच्छा चल ही रहा था की एक दिन मेरी सासू माँ अचानक घर आ धमकी।

सासु माँ आप ??
पहले तो हमारा बदला हुआ रूप देख कर मेरी सास को यकीन ही नहीं हुआ, लेकिन हमारे समझाने के बाद और हमारा व्यवहार देखकर उन्होंने हमें मन ही मन स्वीकृति दे दी. उन्होंने मुझे अपनी बहू और राजेश को अपना  पुत्र मान लिया. मेरे और मेरी सासु माँ के बीच की बची खुची जिझक भी जल्दी ही ख़त्म हो गयी. जल्दी ही मैं अपनी सासु माँ की कपडे पहनने जैसे साड़ी ब्लाउज वगैरह पहनने में मदत करने लगी. सासु माँ भी मुझे मेकअप की टिप्स देने लगी और हम काफी करीब आ गए.
मैं और मेरी सासु माँ काफी करीब हो गए. पक्की सास-बहु जोड़ी 
एक दिन सासु माँ के गाव से कॉल आया की उनके भतीजी की शादी होने वाली है और "नवीन" और "राजेश्वरी" को बुलाया गया है. राजेश ने कहा की उन्हें एंटी टेररिस्ट आपरेशन मैं कमांडो फाॅर्स की कप्तानी का कार्यभार दिया गया है और वह शादी नहीं अटेंड कर पाएंगे. वैसे भी शादी मैं जाने का मतलब था की राजेश को पुनः स्त्री वेश भूषा पहननी पड़ती और जिसकी कोई संभावना नहीं थी . राजेश ने सुझाव दिया की मैं और मेरी सासु माँ शादी अटेंड करने चली जाये. मैंने साफ़ मना कर दिया की मैं मर्दो के कपडे पहन कर शादी अटेंड करने नहीं जाऊंगी।  फिर सासु माँ ने मुझे प्यार  से समझाया की "अरे पगली एक ही दिन की तो बात है" . मैं किसी तरह तैयार हुई पर मैं बहुत असहज हो चुकी थी. माँ ने कहा की उनके पास एक प्लान है और मैं उनपर भरोसा रखूं.

कुछ दिनों बाद मैं और सासु माँ गाव के लिए रवाना हुए. माँ के प्लान के अनुसार गांव से 5 किलोमीटर दूर एक छोटा सा होटल है जहाँ हम चेक इन करेंगे. वहां मैं स्त्री से पुरुष वेश भूषा धारण करूंगी और फिर हम गाव जायेंगे. घर से रवाना होते वक़्त मैं साड़ी ब्लाउज, जेवर और मेकअप पहनी हुई थी. एक बार हम होटल पहुचे तो सासु माँ ने एक शर्ट और पैंट निकाल दी और मुझसे कहा की पेहेन लूँ।  उन्होंने फिर मेरे चेहरे से मेकअप हटाया और एक नकली मूछ लगा दी. फिर काजल का प्रयोग करके उन्होंने मेरे चेहरे पर ढाढ़ी बना दी. अपने लंबे बालों को समेटने के लिए उन्होंने मुझे एक टोपी  दी और कहा की शादी में पूरे दिन पहने रखु . मैंने अपने आप को आईने मैं देखा और अपनी मरदाना  प्रतिमा देख कर मुझे थोड़ी शर्म आने लगी . माँ ने  मजाक में  कहा की मैं थोड़ा सा मर्दो की तरह व्यवहार करने की कोशिश करू नहीं तो घर पर लोगो को शक़ हो जायेगा. मैं शर्मा गयी.

क्या मैं मर्द जैसी लग रही हूँ ?? नहीं ना 
गाव पहुचने के बाद हमारा काफी  स्वागत हुआ. ज्यादातर लोगो मुझे साधारण मर्द ही समझ रहे थे और किसी को मुझ पर शक नहीं हुआ पर कुछ लोग मेरी स्त्रैण आवाज़ का मखौल उड़ाते दिखे. मैं क्या करती, लाख कोशिशो के बावजूद अगर मेरी आवाज़ स्त्रैण रह गयी तो इसमें क्या मेरी गलती है?

पंडाल में मुझे बाकी मर्दों के साथ बिठा दिया गया. मर्दो के बीच में मैं बहुत uncomfortable अथवा असहज  हो गयी. मर्द मुझे पुरुष  समझ कर मेरा कन्धा और शरीर छूने में  संकोच नहीं कर रहे थे. माँ ने मुझे देखा और मुस्कुरायी जैसे की सांत्वना दे रही हो की यह सब जल्दी ही ख़त्म  हो जायेगा. शाम में खाना परोसा गया और मैं एकांत मैं बैठ कर खाने लगी. पीछे से मेरी सासु माँ आयी और मज़ाक में पुछा "दामादजी कैसा लग रहा है?"

मैं धीरे से हस्ते हुए बोली ;   ..... "यह मर्दो का कच्छा बहुत चुभ रहा है माँ और मेरी कलाइयां देखिये, चूड़ियों के बिना कितनी सूनी लग रही है. "

माँ ने धीरे से मेरे कान में कहा "रात मैं जब सब सो जाये तो पीछे वाले कमरे मैं मैं अकेली हूँ, वहा आ जाना। मैं तेरे लिए कुछ  इंतज़ाम कर दूँगी  "

मैं मतलब समझ गयी और शर्मा गयी, माँ ने पुनः मुझे मर्दो की तरह व्यवहार करने का स्मरण कराया.

रात में जब सारे पुरुष सो गए तो मैं धीरे से अपने सासु माँ के कमरे मैं चली गयी जहाँ वह मेरा इंतज़ार कर  रही थी. सासु माँ ने मुझे देखते ही गले से लगा लिया और कहा की "मुझे माफ़ करना बेटी जो मैंने तुम्हे मर्द बनाया". मैंने कहा कोई बात नहीं माँ. इतना तो मैं कर ही सकती हूँ.

उसके बाद माँ ने मेरे मर्दो वाले कपडे उतारे. उन्होंने मेरा पुरुषो का कच्छा  उतारा मुझे एक ब्रा और पैंटी पहनाई।  फिर मैंने अपने breastform  अपनी ब्रा में डाले. अपने आप को ब्रा और पैंटी में देख कर मैंने चैन की सास ली।  फिर उन्होंने मेर्रे हांथों मैं चुडिया डाली और कहा "खुश??" . मैं मुस्कुरा दी।

धन्यवाद सासु माँ मुझे चुडिया पहनाने के लिए 
मैंने माँ से कहा "पता नहीं यह मर्द इतने कठोर वस्त्र कैसे पहन लेते है? " माँ ने कहा "अपने पति से पूछ लेना" और हम दोनों खिलखिला कर हँस  पड़े।  थोड़ी देर बाद मैं पुनः पूरी तरह से स्त्री वेश में आ चुकी थी. अपनी सासु माँ का आभार जताने के लिए मैंने उनके पैरों को दबाया जब तक उन्हें नींद नहीं आ गयी. फिर मैं अपनी सासु माँ के बगल में सो गयी. वैसे तो मैं सोने से पहले मेकअप उतार लेती हूँ पर दिन भर मेकअप के अभाव ने मुझसे आज यह ना होने दिया और मैं मेकअप में  ही सो गयी. मेरी सासु माँ  ने प्रेम से अपना  एक हाँथ मेरे स्तन पर रख दिया और मेरी आँख लग गयी.

अगली सुबह हम जल्दी ही निकल गए. एक तरफ ज्यादातर लोग काफी परेशान थे की "दामादजी" कहाँ चले गए तो दूसरी तरफ सारे मर्द मुझे निहारने मैं व्यस्त थे. खुशकिस्मती यह की मुझे कोई भी पहचान ना पाया. निकलते हुआ एक महिला ने मुझसे पुछा की "कौन हो बेटी तुम? " . मैं कुछ कहे बिना ही चुप चाप उन्हें असमंजस मैं छोड़ कर अपनी सासु माँ के साथ निकल पड़ी.

तुम कौन हो बेटी?




















Wednesday 19 June 2013

Reversal of Love

It was in a club where I met him. He swept me off  my feet at the first sight. It was not long before I was dying to be taken by him. Dressed in my naughtiest for the club that night , I was attracting many glances as we left the club to go to his condo.

We soon reached the condo. Once inside I went straight for his pants

As I dropped his pants, it did not take me long to realize that we were made for each other. As "he" fucked my doggy style with his 8" prosthetic cock, it didn't take me long to spread my butt for him. I soon realized how small my cock was compared to "his", but I am sure "he" was loving his new sissy girl


Thursday 17 January 2013